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लाल किताब : आमने-साहमने के ग्रह

मंगल : मंगल बद (भाई) अपनी बला केतु (लड़का) पर डालता है | शेर कुत्ते को मरवा देगा |

मसलन (उदाहरण) : सूरज खाना नंबर 6, मंगल खाना नंबर 10 लड़के पर लड़का (केतु) मरता जावे | (भाई भतीजे को मरवाए) | शुक्र : शुक्र (औरत) शैतान स्वभाव खुद अपनी बला चन्द्र यानि कुंडली वाले की माता पर जा धकेलेगी | मसलन (उदाहरण) : चन्द्र शुक्र बिल्मुकाबिल आमने साहमने) हो तो माता अंधी हो जावे | बृहस्पत : बृहस्पत ने अपना साथी केतु को ही कुर्बानी के लिए रखा है | मसलन बृहस्पत खाना नंबर 5 और केतु किसी और घर में, अब अगर बृहस्पत की महादशा आ जाए तो केतु के खाना नंबर 6 का फल रद्दी होगा, औलाद का नहीं, जो खाना नंबर 5 की चीज़ है | मामू को केतु की महादशा 7 साल तकलीफ होगी | सूरज : अपनी मुसीबत के वक्त केतु पर नजला (अपना मंदा असर) डाल देगा | चन्द्र : अपने दोस्त ग्रहों (बृहस्पत सूरज मंगल) पर अपनी बला डाल देगा | राहु केतु : खुद ही अपना आप निभायेंगे और अपनी ही मुताल्लिका (सम्बंधित) अश्या (वस्तुएं) कारोबार या रिश्तेदार मुतल्ल्का राहु या केतु पर मुसीबत का भूचाल पैदा करेंगे | लाल किताब पन्ना नंबर 46

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