दुश्मनों से मारे हुए मंदा असर होने के वक्त ग्रहों की कुर्बानी के बकरे

चौरास्ता एवमं धर्म स्थान : धर्म पालन, पूजा पाठ या इष्ट सिद्धि के लिए पवित्र जगह से मुराद होगी | मुस्लमान के लिए मस्जिद, सिख के लिए गुरुद्वारा, ईसाईयों के लिए गिरिजा घर, और हिंदुओं के लिए धर्म मंदिर गर्जेकि (सारांश) जिस धर्म और जगह में किसी प्राणी का विश्वास हो वही जगह उस के लिए धर्मस्थान होगा | ख्वाह वहाँ रहने वाला कोई भी क्यों न हो | जिस किसी का कोई धर्मस्थान न हो या जिसे किसी ऐसी दुनियावी जगह पर विश्वास न हो उसके लिए चलता हुआ दरिया, नदी या शनिच्चर का चौरास्त + धर्मस्थान का काम देगा | नोट : सूरज मंगल और बृहस्पत इन्साफ के मालिक होते हुए दूसरों की तो मदद करेंगे और एक का दूसरे पर नाजायज ज्यादती करते नहीं देख सकते मगर जब खुद ही मुसीबत में हों तो गरीब केतु को मरवाते हैं | स्थित (कायम) ग्रह : जो ग्रह हर तरह से दुरुस्त और अपना असर वगैरा किसी दुश्मन ग्रह के असर की मिलावट के साफ़ साफ़ और कायम रख रहा हो यानि राशि की मालकियत (स्वामित्व) ऊँच नीच या पक्के घर या दृष्टि वगैरा किसी भी तरह से उसमें दुश्मन का असर न मिल रहा हो और न ही वह किसी दुश्मन ग्रह का साथी ग्रह बन रहा हो तो वह कायम ग्रह कहलायेगा | ग्रह का घर : ग्रह की अपनी मुकर्रर (निश्चित) राशि बमूजिब फेहरिस्त (सूची के अनुसार) दोस्ती (ऊँच) दुश्मनी (नीच) बराबर (घर) का उस ग्रह का घर कहलायेगा | मसलन खाना नंबर 3 वा 6 बुध के लिए लाल किताब पन्ना नंबर 47

यदि आपने इस लेख को पसंद किया है कृपया इस ब्लॉग के प्रशंसक भी बनिए !!

"टिप्स हिन्दी में ब्लॉग" की हर नई जानकारी अपने मेल-बॉक्स में मुफ्त पाएं !!!!!!!!!!

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.