ग्रह ही रहें मगर उनमें से हर एक या किसी एक की जड़ पर आगे दुश्मन ग्रह हो जावे ख्वाह वह खुद दोस्त ही हैं | लफ्ज बिल्मुकाबिल (आमने-साह्मने या मुकाबले के ) से याद होंगे, क्योंकि अब उनमें किसी न किसी तारा से दुश्मनी भाव पैदा हो गया है |
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बहुत उपयोगी आलेख!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंआप जैसे महानुभावों की उत्साहवर्धक आशीर्वाद चाहिएँ |