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lal kitab 1952 page 54

तो केतु ऊंच फल का होगा | केतु बृहस्पत बराबर का फल देंगे | राहू-केतु, चूंकि आपने से सातवें देखने के उसूल पर के ग्रह हैं इसलिए राहू अगर 3-6 बुध के घर में ऊंच हुआ तो केतु वहां (खाना नंबर 3-6 में ) नीच होगा | यही हाल है केतु का यानि अगर केतु खाना नंबर 9-12 (बृहस्पत के घर) में ऊंच होगा तो राहू इन घरों में नीच होगा, गर्जेकि राहू केतु को अपने दायरे में चलाने वाला (बुध है) :- बुध :- जब बुध होवे राहू के घर खाना नंबर 12 में तो नीच होगा, क्योंकि खाना नंबर 12 उसके दुश्मन ग्रह बृहस्पत का है और जब बुध हो केतु के घर खाना नंबर 6 में तो ऊंच होगा क्योंकि यह राशि नंबर 6 बुध की अपनी ही राशि है, और बुध व केतु दोनों ही आपस में बराबर के ग्रह हैं और दोनों ही शुक्र के दोस्त होते हैं, बुध पर कोई असर न होगा मगर केतु शुक्र दोनों ही खाना नंबर 6 में नीच होंगे | बृहस्पत के साथ या बृहस्पत के घरों में राहू, हाथी का तेंदुआ होगा या बृहस्पत के साथ या बृहस्पत के घरों में राहू बुरा फल देगा और नीच होगा | बुध के साथ या घरों में केतु कुत्ते का सर पागल या दीवाना नीच का फल होगा क्योंकि राहू केतु मुश्तरका (मिले-जुले) के लिए खाना नंबर 6 और 12 भी बुध बृहस्पत के हैं जहाँ कि उन्हें जगह मिली हुई है :-

(1) खाना नंबर 6 (बहैसियत मालिक ग्रह) में बुध केतु मुश्तरका माने गये हैं | जब नंबर 6 खाली हो और बुध नंबर 3 में बैठा हो तो खाली खाना नंबर 6 का मालिक ग्रह केतु लेंगे लेकिन जब बुध खाना नंबर 3 में न हो तो खाली खाना नंबर 6 के लिए बुध और केतु में से वह (बहैसियत मालिक ग्रह) लेंगे जो कि टेवे में दोनों से उम्दा हो :-

(2) खाना नंबर 12 (बहैसियत मालिक ग्रह) में बृहस्पत, राहू मुश्तरका माने गये हैं | लाल किताब पन्ना नंबर 54



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