मेख(1) बृच्चक(8) मालिक मंगल, तुला(7) बृख(2) शुक्र की है |
कन्या(6) मिथुन(3) का बुध है मालिक, कुंभ(11) मकर(10) दो शनि की हैं |
गुरु मालिक है धनु(9) मीन(12) का, कर्क(4) चन्द्र की होती है |
सिंह(5) अकेला गरजे दुनिया, राशि जो सूरज की है |
केतु गर बैठे कन्या(6) राशी, राहू निवासी मीन(12) का है |
पाप चढ़ा आसमान(12) के ऊपर, जड़ निवासी पाताल(6) में है |
1. ऊंच ग्रह से मुराद पूरी ताकत | आखरी और उत्तम दर्जे की हदबंदी (सीमा निर्धारण) नेक मायनों में |
2. नीच ग्रह से मुराद सबसे नीच या मंदी हालत-आखरी कम दर्जे की हदबंदी मंडे मायनों में |
3. घर का मालिक गृह से मुराद औसत दर्जे की नेक मायनों में |
lal kitab 1952 page 51
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सोमवार, अक्तूबर 06, 2014
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