असली
"लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में रिवायती चालीस दिन पेज़-36
फरमान 6
दूसरा जानदार दुनियावी चीज़ या ताकत पैदा कर देगी | (बाबर हमायुं के किस्से) मगर नया ही दूसरा अंक, फिर भी पैदा न होगा | सिवाय उस वक्त के जबकि ऐसी हस्तियाँ खुद अपनी ताकत या अपना ही आप तबाह कर लेती हैं और बदले में किसी दूसरे तक नौबत नहीं आने देती | यह हालत भी उनकी खुदाई शरीक होने के होगी कोई न कोई तबादला दिया ही गया | ग्रह फल फिर भी न बदला, ग्रह फल को अगर राजा कहें तो राशिफल उसका वजीर होगा |
ग्रहफल की मंदी हालत के वक्त कौन सी चीज़ बतौर राशिफल मददगार हो सकती है |
(ग्रह के उपाय के हाल में देखें)
रिवायती चालीस दिन
1. 35 साल के बाद सब ग्रह अपना चक्कर पूरा कर जाते हैं और जो ग्रह पहले चक्कर में बुरा असर करते हैं वह अपने दूसरे चक्कर में यानि 35 साल के बाद दूसरी चाल में बुरा असर न देंगें | यह शर्त नहीं कि भला असर जरूर दें | ग्रहों की 35 साला अवधि 35 साला चक्कर कहलाती है | ग्रहों का 35 साला चक्कर और इंसान की उम्र का 35 साला चक्कर दो जुदा जुदा बातें हैं | फर्जन (मान) लिया एक शख्स के जन्म दिन से ही बृहस्पत का दौरा शुरू हुआ बाकि एक के बाद दूसरे बृहस्पत 6 साल, सूरज 2 साल, चन्द्र 1 साल, शुक्र 3 साल, मंगल 6 साल, बुध 2 साल, शनि 6 साल, राहू 6 साल, केतु 3 साल कुल 35 साला का दौरा तमाम ग्रहों ने उसकी 35 साला उम्र तक ही पूरा कर दिया | लेकिन हो सकता है उसका पहला ग्रह बृहस्पत की बजाय शनि शुरू होवे और जन्म दिन की बजाए 7वें साल में शुरू हो | अब तमाम ग्रह तो 35 साल में ही दौरा पूरा कर लेंगे जब आखिरी ग्रह का आखरी दिन
लाल किताब पन्ना नंबर 39
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