लाल किताब : 35 साला चक्कर पेज न: 2

35 साला चक्कर


जन्म दिन का ग्रह और जन्म वक्त का ग्रह 1. जिस दिन जन्म हो उस दिन का मुताल्लिका (सम्बंधित) ग्रह जन्म दिन का ग्रह होगा |

जिस वक्त पैदाइश हो उस वक्त का मुताल्लिका (सम्बंधित) ग्रह जन्म दिन का ग्रह होगा |

सप्ताह के दिनों की तरह ग्रहों के नाम इतवार (सूरज) सोमवार (चन्द्र) मंगल, बुध, वीरवार (बृहस्पत), शुक्र और शनिच्चर सात ही है हर के शाम के वक्त को आठवां राहू और हर सुबह के तड़के को 9वां केतु होगा |

अंग्रेजी हिसाब में रात के 12 बजे के बाद दूसरा दिन शुरू होता है, मगर सामूहिक इल्म (विधा) में सूरज निकलने से नया दिन शुरू होता है यानि रात के गुज़रे हुए दिन का हिस्सा लेकर नए सूरज से दूसरा दिन गिनेगे | एक दिन में ग्रह का वक्त सूरज निकलने के बाद सूरज (दिन) का पहला हिस्सा बृहस्पत का वक्त कहलाता है |

दिन के पहले हिस्से के बाद मगर पक्की दोपहर से पहले सूर्य का वक्त होगा |

तमाम चांदनी रात को चन्द्र का वक्त कहेंगे |

अँधेरा पक्ष तथा चाँदनी पक्ष की दरम्यानी या अमावस्या की रात शुक्र का समय होगा |

पूरी दोपहर का वक्त (दिन का एक दरम्यान) मंगल का समय लेंगे |

दोपहर के बाद मगर पूरी शाम से पहले का वक्त बुध का वक्त होगा |

काली रात या घनघोर बादलों का दिन शनि का होगा |

पूरी पक्की शाम मगर रात से पहले का वक्त राहू का वक्त लेंगें |

सुबह सादक (प्रभात:) मगर सूर्य निकलने से पहले का वक्त केतु का होगा |

जन्म दिन और जन्म वक्त के गग्रहों का बाहमी ताल्लुक

पैदाइश (पैदा होने) के दिन व वक्त के मुतलक (हिसाब से) लाल किताब पन्ना नंबर 41

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