असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में प्रथम
प्रथम
याद रहे न रहे, मगर ख्याल जरूर रहे कि
इन्सान बंधा खुद के लेख से अपने,
लेख विधाता कलम से हो
कलम चले खुद कर्म पे अपने,
झगडा अकल (1) किस्मत (2) हो
1. अकल=बुध 2. किस्मत = बृहस्पति
क्योंकि
लिखा जब किस्मत का कागज, वक्त था वो गैब का
भेद उसने गुम था रखा, मौत दिन और गैब का
ख्याल रखना था बताया,कृतघ्न इन्सान का
एवज लड़की लड़का बोला, खतरा था शैतान का
1. हवाई ख्याल की बुनियादी दीवार का मजबून बेशक तुझे मौत का दिन, किसी के भेद या ऐब और माता के पेट में लड़का है या लड़की का इशारा कर देगा | अगर ऐसी बातों को वक्त से पहले ही जाहिर कर देगा तेरे खून को कोढ़ (की बीमारी) का का सबूत देगा | क्योंकि दुनिया में इलाज है तो सिर्फ बीमारी का ही मगर मौत का कोई चारा नहीं और ज्योतिष कोई दावा ए खुदाई नहीं | अगर है तो सिर्फ अपने जाति बचाव में किसी हद तक रूह की शांति के लिए मदद का ज़रिया है | मगर किसी दूसरे पर हमला करने का हथियार नहीं | किस्मत के मैदान में अगर कहीं पानी की नाली पीछे से आ रही हो और उसके रास्ते में कोई ईंट पत्थर गिर कर उसकी रवाना को रोक रहा हो मजमून की मदद उस कंकर,
लाल किताब पन्ना नंबर 5
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