आज का विषय लाल किताब से संबंधित है। लाल किताब की भाषा अलंकारिक भाषा है और इस में लिखी गई पंक्तियां लाल किताब पढ़ने वाले को आसानी से समझ में नहीं आती।
आज हम लाल किताब में लिखी इसी प्रकार की पंक्तियों को आम साधारण भाषा में समझने का प्रयास करेंगे लाल किताब 1952 के पेज नंबर 12 पर लिखा गया है।
इस बच्चे की नन्हीं मुट्ठी में पकड़ा देव आकाश का है,
भरा खजाना जिसके अंदर निधि सिद्धि की माला है।
अब इस पहली पंक्ति की ओर ध्यान देते हैं इस पहली पंक्ति में लिखा गया है :-
"इस बच्चे की नन्ही मुट्ठी में पकड़ा देव आकाश का है"
तो इस पहली पंक्ति में लाल किताब के रचियता पंडित रूप चंद जोशी जी ने आम भाषा में यह लिख दिया कि जब एक छोटा सा बच्चा जो जन्म लेता है उसने अपने हाथ में आकाश देव को पकड़ा हुआ है।
लाल किताब को पढ़ने वाला एक आम व्यकि तो क्या लगभग आम सोच रखने वाला व्यक्ति भी यही समझेगा कि क्या ऐसा संभव हो सकता है, तो हर किसी का जवाब नहीं होगा, और उसका जवाब होगा कि एक नन्हा सा बच्चा आकाश को कैसे पकड़ सकता है ?
वैसे भी ये ज़ाहिर सी बात है एक नन्हा बच्चा आकाश को नहीं पकड़ सकता वह अपनी बंद मुठ्ठियाँ तो खोल नहीं सकता किसी चीज को पकड़ेगा कैसे ?
तो अब जब लाल किताब में ऐसा लिखा गया है तो इसका मतलब भी होगा, ज़ाहिर सी बात है कि ये कोई काल्पनिक किरदार तो है नहीं, सामुद्रिक विधा पर लिखी गई लाल किताब एक अनमोल कृति है।
तो इस पहली पंक्ति में होगा आकाश मंडल में स्थित ग्रहों की स्थिति की मौजूदगी का वर्णन किया है, न कि आकाश (बुध) को मुठ्ठी में पकड़ने की बात की गई है।
हो सकता है कई एक को ये बात हास्यपद लगे लेकिन जब इस लिखी गई पंक्ति का मतलब समझ लेंगे तब दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जायेंगे।
वैसे तो लाल किताब आम भाषा में लिखी गई है, लेकिन इसमें लिखी गई हर एक पंक्ति, हर एक अल्फ़ाज़, हर एक शब्द, की अपनी अहमीयत है, ये शब्द सामुद्रिक विधा (जयोतिष) से संबन्ध रखता है।
इसलिए इस पंक्ति का उत्तर देखने के लिए या उत्तर समझने के लिए हमें अपना दृष्टिकोण भी बदलना होगा यानि इसे ज़योतिष्य नज़रिये से देखना व समझना होगा।
और इस तरीके से समझना हो तो इस लाइन में यह लिखा है कि एक बच्चा जब जन्म लेता है तो आकाश मंडल में ग्रहों की जो स्थिति होती है, वह आकाशमंडल में स्थित ग्रहों की स्थिति का खाका या नक्शा वह जन्म लेने वाला बच्चा अपने हाथ पर एक ख़ाके के रूप में लेकर आता है|
बुध को लाल किताब में आकाश माना गया है आकाश के ऊपर ही सभी ग्रह आसमान में जिसे हम आकाशगंगा कहते हैं घूम रहे होते हैं।
तो यहां पर लाल किताब के रचिता पंडित रूप चंद जोशी जी ने यह बताने का प्रयास किया है कि इस बुध यानि आकाश के दायरे में सभी ग्रह घूम रहे हैं और बच्चे के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति जिस प्रकार होती है वह इस बुध के दायरे में मौजूद मानी जाएगी, और इन ग्रहों की स्थिति का चित्र हाथ पर रेखाओं के रूप में मौजूद होगा|
तो आप देखिए पंडित जी ने कैसे आम भाषा में इसको समझाने का प्रयास किया है यानि की आकाश मंडल में ग्रहों की स्थिति को समझाने का प्रयास किया है|
इस प्रकार आप लाल किताब को पढ़ते समय यदि इस तरह का नजरिया अपनाएंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद आपके सामने खुलती चली जाए आज की पोस्ट का मंतव्य भी यही था कि लाल किताब को समझा कैसे जाए ?
आज हम लाल किताब में लिखी इसी प्रकार की पंक्तियों को आम साधारण भाषा में समझने का प्रयास करेंगे लाल किताब 1952 के पेज नंबर 12 पर लिखा गया है।
इस बच्चे की नन्हीं मुट्ठी में पकड़ा देव आकाश का है,
भरा खजाना जिसके अंदर निधि सिद्धि की माला है।
अब इस पहली पंक्ति की ओर ध्यान देते हैं इस पहली पंक्ति में लिखा गया है :-
"इस बच्चे की नन्ही मुट्ठी में पकड़ा देव आकाश का है"
तो इस पहली पंक्ति में लाल किताब के रचियता पंडित रूप चंद जोशी जी ने आम भाषा में यह लिख दिया कि जब एक छोटा सा बच्चा जो जन्म लेता है उसने अपने हाथ में आकाश देव को पकड़ा हुआ है।
लाल किताब को पढ़ने वाला एक आम व्यकि तो क्या लगभग आम सोच रखने वाला व्यक्ति भी यही समझेगा कि क्या ऐसा संभव हो सकता है, तो हर किसी का जवाब नहीं होगा, और उसका जवाब होगा कि एक नन्हा सा बच्चा आकाश को कैसे पकड़ सकता है ?
वैसे भी ये ज़ाहिर सी बात है एक नन्हा बच्चा आकाश को नहीं पकड़ सकता वह अपनी बंद मुठ्ठियाँ तो खोल नहीं सकता किसी चीज को पकड़ेगा कैसे ?
तो अब जब लाल किताब में ऐसा लिखा गया है तो इसका मतलब भी होगा, ज़ाहिर सी बात है कि ये कोई काल्पनिक किरदार तो है नहीं, सामुद्रिक विधा पर लिखी गई लाल किताब एक अनमोल कृति है।
तो इस पहली पंक्ति में होगा आकाश मंडल में स्थित ग्रहों की स्थिति की मौजूदगी का वर्णन किया है, न कि आकाश (बुध) को मुठ्ठी में पकड़ने की बात की गई है।
हो सकता है कई एक को ये बात हास्यपद लगे लेकिन जब इस लिखी गई पंक्ति का मतलब समझ लेंगे तब दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जायेंगे।
वैसे तो लाल किताब आम भाषा में लिखी गई है, लेकिन इसमें लिखी गई हर एक पंक्ति, हर एक अल्फ़ाज़, हर एक शब्द, की अपनी अहमीयत है, ये शब्द सामुद्रिक विधा (जयोतिष) से संबन्ध रखता है।
इसलिए इस पंक्ति का उत्तर देखने के लिए या उत्तर समझने के लिए हमें अपना दृष्टिकोण भी बदलना होगा यानि इसे ज़योतिष्य नज़रिये से देखना व समझना होगा।
और इस तरीके से समझना हो तो इस लाइन में यह लिखा है कि एक बच्चा जब जन्म लेता है तो आकाश मंडल में ग्रहों की जो स्थिति होती है, वह आकाशमंडल में स्थित ग्रहों की स्थिति का खाका या नक्शा वह जन्म लेने वाला बच्चा अपने हाथ पर एक ख़ाके के रूप में लेकर आता है|
बुध को लाल किताब में आकाश माना गया है आकाश के ऊपर ही सभी ग्रह आसमान में जिसे हम आकाशगंगा कहते हैं घूम रहे होते हैं।
तो यहां पर लाल किताब के रचिता पंडित रूप चंद जोशी जी ने यह बताने का प्रयास किया है कि इस बुध यानि आकाश के दायरे में सभी ग्रह घूम रहे हैं और बच्चे के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति जिस प्रकार होती है वह इस बुध के दायरे में मौजूद मानी जाएगी, और इन ग्रहों की स्थिति का चित्र हाथ पर रेखाओं के रूप में मौजूद होगा|
तो आप देखिए पंडित जी ने कैसे आम भाषा में इसको समझाने का प्रयास किया है यानि की आकाश मंडल में ग्रहों की स्थिति को समझाने का प्रयास किया है|
इस प्रकार आप लाल किताब को पढ़ते समय यदि इस तरह का नजरिया अपनाएंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद आपके सामने खुलती चली जाए आज की पोस्ट का मंतव्य भी यही था कि लाल किताब को समझा कैसे जाए ?
Thanks for share this this is a great way to let people know more easily about the book's words.
जवाब देंहटाएंVedika Shastri | Rules Related to Customs | All Knowledge about the shastras