asli lal kitab hindi mein : pratham page-6

असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में प्रथम पेज़-6

या लग्न वाले खाना नंबर को लाल किताब के मुताबिक खाना नंबर 1 और फिर बाकि घरों को बिलतरतीब (क्रमानुसार) ही मिलेगा|

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अब तमाम घरों से सिर्फ हिन्दसे मिटा दिए मगर ग्रह वैसे के वैसे ही लिखे रहने दिए | इसके बाद उसमे हिन्दसे मिटाए हुओं की कुंडली के लग्न के घर को एक हिन्दसा दिया तो वह हस्बेजैल (निम्नलिखित) होगी |(सिर्फ हिन्दसा नंबर बदल जायेंगे मगर ग्रह हु-ब-हु उन ही घरों में रहेंगे जहाँ कि वह पहले थे)

अब हालात देखने के लिए बृहस्पति खाना न: १ सूरज खान न" २ वगैरा मुलाहिजा करें इसी तरह से वर्षफल पढ़ लेंगें इसी तरह पर प्राचीन ज्योतिष के मुताबिक राशियों का लग्न की तबदीली के कारण जन्म कुंडली में घूमते रहने का चक्र जाता रहा पंचांग की लंबी चौड़ी गिनती हो गई अ और आखिर पर फलादेश देखने के वक्त २८ नक्षत्र और १२ राशियाँ भी भुला दी गई
Kundli_2 6. जन्म कुंडली में इक्कठे बैठे हुए ग्रह वर्षफल में भी अलहदा-अलहदा न किए गए जिससे लग्नेश धनेश की पुरानी गिनती का ख्याल स्वत: समाप्त हुआ |

7. ग्रहों का असर उनकी राशियाँ, वस्तुओं, कारोबार या रिश्तेदार के मुतल्ल्का कायम होने के पक्का होने का भेद जाहिर हुआ जो जरूर वक्त मददगार साबित हुआ |

लाल किताब पन्ना नंबर 10

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