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asli lal kitab hindi mein : farman no.-2 page-12

असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में फरमान न: 2 पेज़-12

फरमान नंबर 2      दरिया की नदियाँ या समन्दर के मददगार दरिया जिस कदर गहरे और साफतह ज़मीन वाले होंगे उस कदर ही उनमें पानी की ज्यादा चाल और असर होगा जिस कदर नदियाँ और दरिया कम गहरे और तंग होंगे उसी कदर उनमें न सिर्फ पानी कम या उनका असर हल्का होगा बल्कि असर के वक्त की रफ़्तार भी मद्धम होगी रेखा में मुख्तलिफ निशान दरिया में बरीती जंजीरें या रास्ता की रुकावटें होंगी दरिया रेखा जिस जिस पहाड़ बुर्ज के इलाका से गुजर कर आयेंगे उसी उसी किस्म का असर उनकी साथ लाई मिटटी में होगा उअर बुर्ज या पहाड़ की जड़ी बूटियों और मुखल्तिफ किस्म की दवाइयों के पौधों से आई हुई तेज मद्धम मीठी या कड़वी हवा के असर का साथ रहेगा हुबहू यही अवस्था ग्रहों की मुखल्तिफ राशिओं के
     लिए मुकरर्र किए हुए घरों में होने पर इन्सानी जिन्दगी में होगी अगर कुंडली हथेली का बर्रे-आज़म बनी तो ग्रहों की नज़र का रास्ता या उनकी बाहमी दृष्टि ब्रह्माण्ड के दरियाओं की गुजर गाह होगी जो उनके असर में ग्रह मंडल की जाती दोस्ती व दुश्मनी से पैदा शुदा लहरों की उकसाहट से हजारत किस्म की तब्दीलियाँ वाका करने का बहाना होगी उअर ग्रहों की मुकरर्र मयादों पर अक्सर जाहिर हुआ करेगी
     उंगलिओं के पोरों (हिस्सों) और हथेली के बर्रे-आज़म हर दो ही के बारह-बारह टुकड़े हुए और बुर्जों या पहाड़ों के नौ-नौ हिस्सों में तकसीम किया गया यही नौ निधि (गैबी ताकत) बारह सिद्धि (इन्सानी हिम्मत) इस इलम की बुनियाद हुई
     ग्रह राशि और रेखा के इलावा मकान जेरे-रिहाइश-ख्वाब माल मवेशी दुनिया के
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