नेताओं के कहने का अंदाज़ निराला है |

अंदाज़

नेताओं  के कहने  का अंदाज़ निराला है |
कहता गरीबों  को  वह सुधारने वाला है ||

क्या आस लगाये एक गरीब ? उस नेता से |
जब  दुनिया  में न कोई उसका रखवाला है ||

गरीबों का खून चूस कर बनाता है कोठियां अपनी |
मज़बूर  जिंदगी  रोज  पीती गम  का  प्याला  है ||

तरसते  हैं  वो, रोज  एक-एक  रोटी  को  जो |
इन  सबका  जिम्मेदार   ये   खद्दरवाला  है ||

मंदिर मस्ज़िद  में भेद जताता हर  किसी से |
ऐसा  खुद   को  कहलाता   इज्जतवाला  है |

कहता है मिटा देंगे हर एक घर से गरीबी |
ऐसे नारों से गरीबों को ही मिटाने वाला है |


इसी को कहते हैं :-अंदाज़

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5 टिप्पणियाँ
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  1. नेताओं ने इस देश का बेडागर्क कर दिया है।

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  2. अगर नेताओं में ये गुण नहीं है तो नेता कैसा....
    सुंदर पोस्ट,मेरे पोस्ट पर आइये...

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  3. बस अंदाज़ ही निराला है।
    बाक़ी सबकुछ काला है।

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  4. अंदाज की बखिया उधेड़ने का अंदाज भी निराला ही रहा...

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  5. Hame maloom hai Jannat hai gaaleeb dil bahlane ka khyal nirala hai

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