2. चूँकि गिनती के लंबे हिसाब को इस इल्म (विधा) में से उड़ाने के लिए 28 नक्षत्र और 12 राशि को बाद में छोड़ दिया जाता है | इसलिए दोनों की जगह जोड़ (28+12)=40 चालीस दिन कम से कम या ज्यादा से ज्यादा 43 दिन तक रियायती उपाय का असर पूरा होगा जिसकी निशानी वक्त से पहले ही नेक ग्रह का असर हो जाने के वक्त दोस्त ग्रह की चीजों की कुदरती निशानियां और बुरे ग्रह की अवधि 40 दिन तक बाद रहने वाली हालत में पापी ग्रहों की निशानियाँ हुआ करती हैं | मिसाल के तौर पर किसी का वर्ष 31 मार्च को खत्म हो रहा है, अगला साल 1 अप्रैल से शुरू होगा यह साल जो गुजर रहा है निहायत मन्दा था | अगले साल में ग्रह चाल की बुनियाद पर उम्दा ज़माना आने की उम्मीद हो रही है | इन्सान किस ख्याल में है और मालिक का फैसला पता नहीं क्या होगा | गरजे की देखने से मालूम हुआ की उसका चन्द्र नम्बर दो (2) में आ जायेगा या बृहस्पत नंबर 4 में ही बैठेगा जो अमूमन नेक असर ही दिया करते हैं | उसी तरह ही राहू नंबर 8 या नंबर 11 और बुध नंबर 8 या नंबर 3 में अक्सर मंदा असर दिया करते हैं | अब अगर मौजूदा साल में मंदे ग्रह चल रहे थे, तो
0 टिप्पणियाँ
आपकी टिप्पणी मेरे लिए मेरे लिए "अमोल" होंगी | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | अभद्र व बिना नाम वाली टिप्पणी को प्रकाशित नहीं किया जायेगा | इसके साथ ही किसी भी पोस्ट को बहस का विषय न बनाएं | बहस के लिए प्राप्त टिप्पणियाँ हटा दी जाएँगी |